सरकारी कंपनियों को प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी, नीति आयोग तैयार कर रहा है नई लिस्ट
सूत्रों के मुताबिक, निजीकरण को लेकर संभावित नई लिस्ट पर सोमवार (26 अक्टूबर) को नीति आयोग के अधिकारियों की बैठक होगी. बैठक में स्टेट ओन्ड कंपनियों की पहचान की जाएगी.
पहली लिस्ट में 48 PSU में विनिवेश को लेकर आयोग ने अपने सुझाव दिए थे. (PTI)
पहली लिस्ट में 48 PSU में विनिवेश को लेकर आयोग ने अपने सुझाव दिए थे. (PTI)
प्राइवेटाइजेशन (Privatisation) पर तेजी से काम चल रहा है. कुछ और सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है. नीति आयोग इसके लिए नई लिस्ट तैयार कर रहा है. ऐसे पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (Public Sector enterprises) की पहचान की जा रही है जहां विनिवेश या बेचने की गुंजाइश हो. सूत्रों के मुताबिक, निजीकरण को लेकर संभावित नई लिस्ट पर सोमवार (26 अक्टूबर) को नीति आयोग के अधिकारियों की बैठक होगी. बैठक में स्टेट ओन्ड कंपनियों की पहचान की जाएगी. पूरी तरह से नई लिस्ट तैयार की जा रही है. पहली लिस्ट में 48 PSU में विनिवेश को लेकर आयोग ने अपने सुझाव दिए थे.
मंत्रालय भी तैयार करेंगी विभागीय कंपनियों की लिस्ट
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, नीति आयोग (Niti Aayog) ने सभी मंत्रालयों को भी अपने विभाग में आने वाले PSE की पहचान करें, जिनमें सरकार स्ट्रेटेजिक हिस्सेदारी बेचने (Strategic Stake sale) की प्रक्रिया अपना सकती है. इस डील में मालिकाना हक और कंट्रोल दोनों ट्रांसफर किए जाएंगे. साथ ही मंत्रालय अपने विभाग के अंतर्गत आने वाली नॉन-स्ट्रेटेजिक कंपनियों की भी पहचान करेंगे, यहां सरकार विनिवेश (Disinvestment) कर सकेगी.
क्या है सरकार का प्लान?
केंद्र सरकार का प्लान कि नॉन-स्ट्रेटेजिक सेक्टर (Non-Startegic sector) से पूरी तरह निकला जाए. इस दिशा में ही कदम बढ़ाते हुए नीति आयोग को यह जिम्मेदारी दी गई थी. कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के चलते सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ा है. इसलिए विनिवेश और हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया पर तेजी से काम किया जा रहा है. ऐसे में सरकार नॉन-स्ट्रेटेजिक पब्लिक सेक्टर यूनिट में असेट का मौद्रीकरण करना चाहती है.
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किन सेक्टर्स से बाहर निकलेगी सरकार
हाल ही में केंद्र सरकार ने साफ किया था कि वह पब्लिक सेक्टर (Public sector undertaking) की कुछ कंपनियों को छोड़कर नॉन-स्ट्रेटेजिक सेक्टर से पूरी तरह बाहर निकल जाएगी. डिफेंस, बैंकिंग, इंश्योरेंस, स्टील, फर्टिलाइजर और पेट्रोलियम स्ट्रेटेजिक सेक्टर के तहत आते हैं. सरकार इससे बाहर नहीं निकलेगी. हालांकि, प्राइवेट प्लेयर्स की भी इसमें एंट्री होगी ताकि कॉम्पटिशन बढ़े सके और कामकाज के क्वॉलिटी में सुधार हो. आत्मनिर्भर भारत के तहत भी इसमें निवेश को बढ़ाने की योजना है.
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विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा था. स्ट्रेटेजिक सेल के लिए जरिए सरकार 1.2 लाख करोड़ जुटाना चाहती है. इसके अलावा पब्लिक सेक्टर बैंक्स और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन में विनिवेश के जरिए भी 90 हजार करोड़ का फंड इकट्ठा करने की प्लानिंग है. नीति आयोग ने पहले चरण में 48 सरकारी कंपनियों में विनिवेश का सुझाव दिया था. इसमें एयर इंडिया (Air India) जैसी कंपनियां शामिल हैं. इसके अलावा NTPC, सीमेंट कॉर्पोरेशन, भारत अर्थ और स्टील अथॉरिटी (SAIL) में भी हिस्सेदारी बेचने का सुझाव दिया गया था.
10:40 AM IST